Tuesday, November 30, 2010

चुप्पी तोडो।

दो सगी बहनें, उनकी चार मौसेरी बहने और एक नौकरानी जिनमें से एक बालिग और बाकी सभी नाबालिग है। सभी बहने अभी अपनी पढाई पूरी कर रही है। इसमें से एक बहन कॉमर्स की पढाई कर रही है तो दूसरी डॉक्टरी पढ रही है। पढे लिखे परिवार की इन सभी बेटियों के दामन को दागदार कर दिया गया है । इसमें से एक बहन का एक बार और दूसरी का दो बार जबरन गर्भपात कराया गया है। उच्च शिक्षित परिवार और सभ्रांत इलाके में रहनेवाली इन बहनों को किसी ने अपने प्रेमजाल में फसां कर उन्हे हैवानियत का शिकार ही नही बनाया बल्कि ये खुद अंधश्रध्दा के खाई में गिरकर अपने आप को बर्बाद कर चूकी है। दरअसल घरेलू समस्या का समाधान ढूंढने के लिए तांत्रिक की मदद ली गयी। उनका विश्वास जीतने के लिए उस तात्रिक ने उन्हे घरेलू समस्या से निज़ात भी दिलवाया। मौसी के घर की समस्या को भी हल कर दिया । दो सगी बहनों के भाई अपाहिज है, उसे ठीक करने की लालच देकर और आंशिक रूप से अपाहिज औलाद होने की समस्या इन बच्चियों तक ना पहूंचे इसलिए वो वहशी तांत्रिक इलाज करने के बहाने उनके घर पर आया करता था। भाई के ठीक होने की आस में उन्हे दी जानेवाली नशे की दवाई भी वो पीने के लिए मजबूर हो जाती थी। ऐसा नही था कि ये सारी खबर बच्चियों की मां को पता नही, उनकी ही रजामंदी से बच्चियों पर तात्रिक से इलाज करवाया जा रहा था। पहले तो नशे की हालात में इन बच्चियों को पता नही चल पाता था कि उनके साथ क्या हो रहा था। जब पता चला तब देर हो चूकी थी। सारी बच्चियों पर इलाज के बहाने बलात्कार किया जा रहा था, और उनमें से दो बच्चियों का गर्भपात भी कराया गया । पिछले चार साल से यह वहशी तांत्रिक नाबालिग बच्चियों के शरीर को नोंच रहा था। राज को खोले जाने पर तंत्र मंत्र का डर दिखाया करता था। चार साल के बाद आखिरकार इन बच्चियों में से एक लडकी के सब्र का बांध टूट गया और आखिरकार उसने पुलिस में उस नरपिशाच तांत्रिक के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी। शिकायत के बाद पुलिस ने उस तांत्रिक पर शिकंजा कसते हुए उसे सलाखों के पीछे भेज दिया है और उसके घर से एक करोड रूपये की नगद और जेवरात बरामद किये है। अंधविश्वास की खाई में गिरकर सात बच्चियों की जिंदगी आज बर्बाद हो गयी है। शिक्षित होने के बावजूद भी परिवार ने अंधविश्वास का सहारा लिया। डॉक्टर से इलाज कराने की बजाय ढोंगीबाबा का सहारा लिया गया। वहशी तांत्रिक ने इज्जत भी लूटी और पैसे भी। हाल ही में ठाणे जिले के मीरारोड में भी इसी तरह का वाकया हुआ था। जहां तांत्रिक बाबा के झांसे में आकर पिता ने ही अपनी बेटी के साथ शारिरिक संबंध बनाये थे और बहकानेवाले तांत्रिक ने भी। समाज में तंत्र और मंत्र का डर इतना फैलाया गया है कि कोई भी अच्छा खसा पढा लिखा इंसान बहकावे में आ जाता है। समाज में अंधविश्वास की जडे दिन ब दिन मजबूत होती जा रही है। समाज में फैले अंधविश्वास के जहर को समय रहते खत्म नही किया गया तो सारा समाज जहरीला हो जाएगा । समाज की सारी महिला और खासकर लडकियों से यह विनती है कि इस तरह के गलत तरीके का इस्तेमाल होने से अपने आप को बचाये। आप आस्तिक है तो भगवान में श्रध्दा रखिए और मानसिक रूप से स्वस्थ हो जाए। आपको या घर में किसी को भी शारिरिक पीडा हो तो डॉक्टरी सलाह लीजिए , लेकिन कतई इस तरह के तंत्र और मंत्र का सहारा ना लें। अपने आप पर होनेवाले अत्याचार के खिलाफ जरूर आवाज उठाये चुप्पी तोडें और अपने साथ हो रहे अन्याय को सामने लाए....जीवन बेहद मूल्यवान है अगर इस तरह बरबाद करेंगे तो परिवार से पहले आप अपने आप का नुकसान करेंगे। आधी अबादी हमारी अपनी है तो क्यों इन पाखंडियों के चंगुल में हम फंसे है.....।

Monday, November 29, 2010

जारी है सिलसिला

बिजली बिल भरने की कतार में मै खडी थी मेरे आगे एक महिला खडी थी उसने बील जमा करनेवाले से कहा की मुझे इस महिने दूगना बिजली बिल आया है, बावजुद मैने पिछले महीने बिल जमा कर दिया था। उस व्यक्ति ने बिल देखकर कहा की मां जी यह बिल सिर्फ एक महीने का ही है और बिजली के दाम दूगने बढ गये है। वह महिला कहने लगी, कि घर में कमानेवाले कोई नही है कहां से भरेंगें इतना बिल। मेहनत मशक्कत करने के बावजूद खाने पीने के लाले है । एक ओर महंगाई बढती ही जा रही है और दूसरी ओर भ्रष्टाचार थमने का नाम नही ले रहा है। मुंबई में कोलाबा की छह मंजिला इमारत की फाईल सरकारी बाबूओं और मंत्रीयों के हाथो के नीचे से गुजरते गुजरते 31 मंजिला बन गई, और सभी को फाईल मंजुर करने के लिए एक एक प्लैट मिल गया। शहिदो के परिजनो के लिए बननेवाले आशियाने को सरकारी बाबू और मंत्रीजी डकार गये। वहीं देशभर में भ्रष्टाचार का बोलबाला है, दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ खेलो का घोटाला, टू जी स्पेक्ट्रम घोटाला और वहां दक्षिण में येदीयुरप्पा ने अपने बेटो को खैरात में जमीने बांट दी उसमें हुआ करोडो रूपयों का घोटाला, और अब हालहि में उजागर हूआ होमलोन घोटाला जहां करोडो रूपयो के वारे न्यारे हुए है। होमलोन और कॉरपोरेट लोन पास करवाने के लिए भी रिश्वत करोडे रूपयों ली गयी थी। देश में मानो घोटालो की लहलहाती फसल आ गयी है और चाहे वो अफसर हो या राजनेता हाथो में हसिंया लेकर अपनी अपनी बोरीयां बांध रहे है। वहीं रतन टाटा ने भी उनसे मांगी गयी रिश्वत का जिक्र करते हुए कहा कि वो एविएशन में आना चाहते थे लेकिन उनसे एविएशन मिनिस्ट्री के अधिकारीयों ने पंद्रह करोड रूपये की रिश्वत मांगी थी। घोटाले अब हजारो या लाखों में नही बल्कि करोडो में हो रहे है, और करोडो रूपयों का घोटाला ना हो तो मिडीया उसमे दिलचस्पी ही नही दिखाती। इसी घोटाले के देश में किसानो और मजदूरों के लिए दो- पांच रूपये भी मायने रखते है चवन्नी -अठन्नी जमा करके फसल उगाने वाले किसान ने बे मौसम आयी बरसात के चपेट में अपनी अच्छी खासी फसल को बर्बाद होते हुए अपनी आंखो से देख रहे है। बर्बाद हुए फसल का हर्जाना पाने के लिए उन्हे दर दर की ठोकरे खानी पड रही है। लालफिताशाही के चलते अब तक किसानों की बर्बाद फसलों का मुआयना भी नही हो पाया है , मुआवजा तो सपना लगता है। समाज में दो भाग साफ साफ नजर आ रहे है। एक और घोटाले में लिप्त भ्रष्ट अधिकारी और मंत्री तो दूसरी ओर अपने अधिकार से वंचीत समाज। एक ओर अमीर और अमीर होता जा रहा है,वहीं दूसरी ओर गरीब और भी गरीब । आम इंसान को अपने हक के लिए दर दर की ठोकरे खानी पड रही है, छोटा काम करवाने के लिए भी दफ्तरों में चक्कर लगाते लगाते समय निकल जाता है। घूस ना दे तो महिनो तक बात बनने से रही। सरकार बदले या फिर मंत्री या अधिकारी ही बदल दिए जाए भ्रष्टाचार की जडे इतनी मजबूत हो गयी है की उसे जड से उखाडना असंभव है। चंद लोगो का भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना याने शोर के बीच में अपनी आवाज सुनाना लगता है। भ्रष्टचार न थम सकता है ना इसे बढने से कोई रोक पायेगा। मंत्री या अधिकारी के फेरबदल से उन्हे नसीहत तो जरूर मिलेगी लेकिन वो और भी सजग और चौकन्ने होकर भ्रष्टाचार को अंजाम देगें। जरूरत है सबों को इसके खिलाफ एकजूट होने की। तभी हम एक नये सवेरा की उम्मीद कर सकते है।