Friday, July 16, 2010

हावी हो रही हवस....

मुंबई और आसपास घटनेवाली घटनाओं के बारे में अक्सर आपको बताते आयी हूं। आज भी कुछ ऐसी ही घटना के बारे में बताने जा रही हूं। ठाणे जिले के काशिमीरा में एक बाप ने अपने बच्ची पर बलात्कार किया। नशे में धुत उस पिशाच्च ने १२ साल की अपनी बच्ची की असमत को उस समय तार तार किया जब घर में कोई नही था। बच्ची की मां परिवार का भरण पोषण कर रही थी और बाप दारू पिकर अय्याशी।
कुर्ला इलाके में सायको किलर की दहशत अबभी बरकरार है। क्योंकी पुलिस की गिरफ्त से अब भी वो परे है, खुलेआम घुम रहा है। अपनी हवस की आग बुझाने के लिए उसने स्कूली छात्राओं को अगवा करके अपनी हवस का शिकार बनाया। सायको किलर की अपनी एक थीअरी है। ऐसा कहा जा रहा है की सायको किलर बलात्कार करने के लिए काली जादू का सहारा ले रहा है। काली जादू करनेवाले बाबाओं पर विश्वास किसी को नही होगा लेकीन जो भी कोई विश्वास करते होंगें उनके अनुसार अगर कोई एडस पीडीत व्यक्ती नन्ही बच्चीयों के साथ शारीरीक संबंध बनाता है तो वह उस व्याधी से मुक्त हो जाएंगें।
नयी नयी तकनिक अपनाते अपनाते युवापिढी गलत रास्ते को अख्तियार करती नजर आ रही है। अश्लील विडीयो, पोर्न साईट देखना आम होता जा रहा है। ग्लैमर का आकर्षण और आगे निकलने की होड में कोई भी रास्ता अख्तियार करने से भी वो नही हिचकीचा रहे है। लडकीयां पुरूषों को शारीरीक रूप से आकर्षीत कर रही है, तो पुरूष उनको आगे बढाने के लिए हर संभव मदत करके मेहनताना भी वसुल करते नजर आ रहे है। शारीरीक आकर्षण बलात्कार की घटनाओं को बढावा दे रहा है। नशा और पैसा जिवन का एहम हिस्सा बनता जा रहा है। युवापिढी अपने साथ साथ अपने परिवार का भी विनाश कर रही है। कामयाब बनना कोई बुरी बात नही लेकीन उसमें सच्चाई और अच्छाई होना बहोत जरूरी है। खुद के नजरों में खुद की इज्जत बनी रहेगी तो जीवन में सम्मान जरूर मिलेगा।

इज्जत का बदला इज्जत

मुंबई के खेरवाडी इलाके के की घटना में आपको बताने जा रही हूं । यहां रोजना किसी ना किसी बात पर तू-तू-मै-मै होना आम बात है। पानी को लेकर महिलाएं आपस में बाल भी खिंचे तो समझ लिजीए की बात बडी ही आम है। यह सारी बातें आप दर किनार कर सकते है, या फिर उसे ज्यादा एहमियत नही देंगे। लेकीन एक ऐसी घटना घटी की उसे सुनकर रोंगटे खडे हुए, दिल की धडकने तेज हुई। तालीबानी सोच का नमुना मुंबई जैसे फास्ट लाईफ में देखने मिला। इज्जत का बदला इज्जत उतारकर सरेआम लिया गया। दरअसल इस घटना को रूप ही दुसरा दिया गया था। कहा गया की पानी भरने को लेकर हंगामा हुआ लेकीन दरअसल वाकया कुछ अलग ही था। एक पांच साल की बच्ची पर एक लडके ने बलात्कार किया। इस बात का पता चलते ही आस पडोसीयों ने उसकी खूब पिटाई की और उसे पुलिस के हवाले कर दिया। जिस बच्ची पर बलात्कार हुआ लाजमी है की उसके घरवाले काफी आग बबूला होंगे, और इस बात का जबाब भी वो आरोपी के परिवार से मांगे। लेकीन नजारा कुछ और ही देखने मिला । पीडीता के परिवारवालों ने आरोपी के परिवारवालों को खूब गाली गलौच की। हालांकी वे दलीत थे तो जाती के नाम पर भी गालीयां दी गयी। इतने बडे हादसे के बाद किसी का भी खून खौल ही जाता, लेकीन सबसे दर्दनाक हादसा तब हूआ जब पीडीता के परिवार, या आस पडोसियोंने आरोपी के बहन जो एक युवा लडकी है उसे सरेआम नग्न कर उसे मुहल्ले में घुमाया। इज्जत का बदला इज्जत से लिया गया। जीस मासुम बच्ची पर बलात्कार किया गया वो वाकया भी बडा दर्दनाक है और जिसे सरेआम नग्न किया वो भी। लोगों की मानसिकता इतनी बदलती जा रही है की इन्सानीयत के लिए कोई जगह नही बची है। बदले की भावना लोगों में इस कदर बढती जा रही है की उसमें ना रिश्तों को देखा जाता है और नाही समाज को, लेना होता है तो सिर्फ बदला और बदला.।

Wednesday, July 7, 2010

मार रही महंगाई....

आज सिलेंडरवाला सिलेंडर घर ले आया उसमे कोई नयी बात नही हर महिने ही लाता है। पैसे लेते वक्त उसने 35 रूपये ज्यादा ले लिए , मां ने पुछा सीएनजी के दाम बढने की घोषणा के बाद उन्हे तुरंत बढा दिया गया ? और तो और जरूरी चिजों के दाम कम करने के लिए भाजप और अन्य विपक्षी पार्टीयोंने भारत बंद भी करवाया था फिर कैसे तुमने 35 रूपये ज्यादा लिए। बहस करती मां को मैने समझाया की सीएनजी के दाम बढे है और भारत बंद सिर्फ बढती महंगाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन था, विरोध करते ही बढी हुई महंगाई कम नही होगी। ये समझ थी एक आम घरेलू महिला की जिसको घर का बजट संभालना है। यह बात सोलह आने सच है की बढती हुई महंगाई से आम जनता त्रस्त है। पहले ही महंगाई आसमान छु रही है ऐसे में पेट्रोल, डिजल की किमतों में इजाफा हुआ। इजाफा तो तेल की किमतों में हुआ लेकीन चपेट में आयी अन्य चिजें भी। सत्ता में बैठी कांग्रेस सरकार को झंजोडने के लिए और आम जनता को राहत दिलवाने के लिए उठाया गया कदम उसी आम जनता को परेशान करता नजर आया। कईयो को जबरन छुट्टी करनी पडी तो कई जदोजहद करके अपने काम पर पहुंचे। हम भी मेहनत मशक्कत करते हुए अपने ऑफिस पहुंचे क्योंकी हमारा पहुंचना जरूरी भी था। भारत बंद का सबसे अच्छा फायदा उठाया बच्चों ने सारे रास्तों पर बच्चे अपना अड्डा जमाए हुए थे। कहीं पर फुटबॉल खेल रहे थे , तो कहीं क्रिकेट का रंग जमा हुआ था। रास्ते सुनसान थे तो कहीं ट्रॅफिक जाम की कोई परेशानी नही। बंद का ऐलान तो हुआ, परेशानीयां भी हुई बंद के दौरान कई हिंसक घटनांओं को अंजाम भी दिया गया। कई ट्रेने रोके गयी जिसके चलते लंबी दुरी की यात्रा करनेवाले मुसाफीर सही समय पर नही पहुंच पाये। मरीजों को भी अपनी जान हथेली पर लेकर इलाज करवाने निकलना पडा, न खाने की सुविधा थी न आने जाने की। भारत बंद करके भाजपा और विपक्षी पार्टीयों ने सौ फी सदी कामयाबी मिलने की घोषणा तो कर दी लेकीन उसके बाद नतीजा क्या आयेगा यह जनता को नही बताया। सरकार की गलत नितीयों का विरोध करने के लिए जनता तो तैय्यार है लेकीन इस सब में उसी को पिसा जा रहा है। भारत तो एक दिन के लिए बंद हुआ लेकीन दुसरे दिन मंहगाई मुँह बाए खडी ही थी।