Thursday, September 3, 2009

अगले बरस तू जल्दी आ

आज ब्लाग की फिरसे एक बार शुरूवात कर रही हूं। गणेशोत्सव के दस दिन कैसे बीत गये पता ही नही चला आज विघ्नहर्ता की विदाई है, अगले बरस तू जल्दी आ के नारे से मुंबई और महाराष्ट्र सराबोर है, आँखे भी नम है, लेकीन उत्साह में कुछ कमी जरूर आयी है। सबसे पहले तो आध्रं के मुख्यमंत्री के साथ हुए हादसे ने पुरे देश को ही हिला दिया है। अचानक हुए हादसे को भुला पाना आंध्र के जनता के लिए मुमकीन बात नही है, और ये मुमकीन भी नही है। गरीबों का मसीहा कहे जाने वाले मुख्यमंत्री के चले जाने से परिवार का दुख तो कभी कम नही होगा साथ ही गरीबों के होंठो पर खुशी की लहर लानेवाले प्यारे मुख्यमंत्री को आम जनता तो नही भुला सकती। भले ही मुंबईकर बाप्पा की विदाई में सराबोर है , लेकीन मन में बसे दर्द को छुपाए हुए है। मुंबईकर कई दिनों से जिन परेशानीयों का सामना करते जी रहे है वहीं चंद खुशीयां देनेवाला महोत्सव आज खत्म हो जाएगा। संकट का सामना करना अब देशवासी बखूबी सिख गय है। गणेशोत्सव के दस दिन अपने आराध्य की पूजा करके लोग संतुष्ट तो हुए है साथ ही उनकी जिंदगी में चंद खुशीयां भी आयी। सबोने उनके घर परिवारवालों को खुश रखने के साथ साथ देश के हर विघ्न हरने करने की कामना भी जरूर की होगी। अब दस दिन की खुशीयों के बाद देशवासी तैयार होगें महंगाई, सुखे गरिबी, मुफलीसी का सामना करने के लिए। गणपति बाप्पा मोरया अगले बरस तू जल्दी आ तब तक हम तैय्यार है हर परेशानियों का सामना करने ।