हाल ही में अमरिका ने सर्व्हे में यह पाया की कामकाजी महिला नौकरी में अच्छा औदा और सॅलरी पाने के लिए अपने बॉस को रिझाती है यह सच्चाई उन्होने खुद बयान की है। सभी महिलाएं ऐसा नही करती लेकीन जिन्हे जल्द से जल्द कामयाबी और पैसा पाना होता है उन्हे ये सब कुछ बिल्कूल भी गलत नही लगता। कुछ प्रतिशत महिलाएं अंगप्रदर्शन करके अपने बॉस को आकर्षीत करती है तो कुछ महिलाओं को लगता है की बॉस की नजर में रहेंगी तो उनकी सॅलरी भी बढेगी और वो सारी ऐशो आराम की चिजे जो बॉस को बिना रिझाये नही मिल पायेंगी। ये बात तो है अमरिका में हूए सर्व्हे की जहां अंग प्रदर्शन करनेवाले कपडे परिधान करना आम बात हो गयी है, वहां की संस्कृती रहन सहन सब कुछ अलग है तो जाहीर है की वहा की चकाचौंध में यह बात भी आम हो गयी हो।
मुंबई की चकाचौधं में आकर लडकीयां भी अपने आप को नही रोक पा रही है। । किसी भी तरीके से जल्द से जल्द कामयाबी पाना उनका मकसद बनता जा रहा है, सही गलत का फैसला करना भी वह उचित नही समझ पा रही है, उसके लिए चाहे वो अपना अंगप्रदर्शन करके अपने बॉस या फिर जो उन्हे आगे ले जाए उन्हे रिझाती है। नशा के साथ साथ बिस्तर भी शेअर होने लगता है।
यह बात जानकर तो मेरे पैरो तले की जमिन ही खिसक गयी जब बॉलिवुड कव्हरेज करनेवाले एक व्यक्ती ने मुझसे कहा की बॉलिवुड कव्हरेज करने आनेवाली लडकियों के साथ उसने शारीरीक संबध बनाये है और ना उसे कुछ मलाल है ना उन लडकियो को । उन्हे यह सब कुछ जायज लगता है । मुंबई के बाहर से आनेवाली लडकियों को ग्लैमर का बडा ही आकर्षण रहता है, यहां आने के बाद कॉन्टक्ट की कमी खलती है जिसे बढाने के लिए उन्हे किसी का सहारा लेना ही पडता है, सहारा देनेवाला भी मुफ्त में मदत नही करता । खूबसुरत दिखने के लिए पहनावा भी बदल जाता है, कहते है लज्जा नारी का अलंकार होता है लेकीन चकाचौंध के नशे में डूबी लडकीयों को अंगप्रदर्शन करनेवाले पहनावे से हिचकीचाहट नही होती।
बॉलिवुड कव्हरेज करनेवाली लडकीयां अपने ही दोस्तो के साथ बिस्तर और नशा बांट रही है, ताकी अपने असाईंटमेट के लिए अपडेट रहे। यह बात रही बॉलिवुड की, लेकीन आम ऑफिस में नजारा कैसा होता होगा। पुरूषी हौवानियत के कई मामले हमारे सामने है, जहां ऑफिसेस में महिलाओं के साथ छेडखानी हूई है, लेकीन जहां महिला पहल करे तो फिर बॉस के लिए तो सोने पर सुहागा ही होगा। आमतौर पर अब ऑफिसेस में छेडखानी के खिलाफ कानून बना है, जिसे हम जानते हे। लेकिन ऑफिस के बाहर क्या होता है यह बात तो घूमती फिरती पहूंच ही जाती है ।
भारत में अगर अमरिका की तरह सर्वे किया जाए तो अलग ही सच्चाई सामने आएगी।
हमारी पुरूष प्रधान संस्कृती में इस तरह की चर्चा के लिए शायद ही कोई स्त्री पुरूष सामने आये और यह मान्य करे लेकीन आपसी कानाफुसी से बात सभी तक पहूंच ही जाती है।
करिअर बनाना और तरक्की करना कोई गलत नही है लेकीन सिर्फ शारीरीक आकर्षण के जरिए दुसरे का हक मारना बिल्कूल जायज नही जिसका पछतावा समय बितने के बाद ही होगा।