Wednesday, July 30, 2008

आतंक के पनाहगार

अहमदाबाद में बम मिलने का सिलसिला जारी है। लोगों में खौफ बढाने के मकसद से आतंकवादी जगह जगह बम रखकर प्रशासन के होश उडा रहे है। साथ ही बम के स्पॉट का इत्तल्ला भी दे रहे है। लेकिन ये महज एक दो दिन का काम नही है। कई महीनों पहले इस प्लान को अंजाम दिया गया है। और इनके पनाहगार कोई और नही बल्कि हमारे अपने देश के चंद अहसान फरामोश लोग है जो अपने ही देशवासीयों के साथ गद्दारी कर रहे है। चंद पैसों के लिए अपना ईमान बेचकर लाखों परिवारों की बद्दूआएँ ले रहे है। आतंकियों के मददगार जिस देश में रहते है, उसी देश के प्रति नफरत की भावना रखते है । आतंकियों को मदत करनेवाले इन गद्दारों को पहले ये सोचना चाहिए की वे क्या कर रहें है, मदत की फेर में कई परिवारों को इन्होने तबाह किया है। ये अगर मदत नही करेंगें तो उन आतंकियों की क्या मजाल जो अपने मनसूबों में कामयाब हो जाए। पनाहगारों पर कोफ्त होता है कि आतंकियों के पहले इन्हे ही फांसी पर लटका दिया जाए, ताकि आनेवाले दिनों में आतंकियों को मदत करने से पहले इनकी रूंह कांप उठे। मनसूबों को अंजाम मिलने से पहले ही उनपर पानी फिर जायेगा। लेकिन ये तबतक संभव नही जबतक पकडे जाने पर इन्हे कडी से कडी सजा नही मिलती। हजारों परिवारों के घर उजाडकर, बच्चों को अनाथ बनाकर, किसी का बेटा या पति छिननेवाले इन आतंक पनाहगारों को देश कभी नही माफ करेगा। चाहे ये किसी भी धर्म या जाति के हो, वो जिस भगवान को मानते हो, वो भगवान भी कभी इन्हे माफ नही करेगा।

6 comments:

Dilki chahat said...

आपके तीनों लिखे लेख आज पढा जिससे ये लगा कि संसार कितना स्वार्थी हो गया है। आतंकवाद को पनाह देनेवाले ये नहीं सोंचते कि ये बम उनके बच्चों के भी जान ले सकता है। बहुत बढिया थोडा जल्दी जल्दी लिखा करें कुछ अपनी बात पढने को मिलती है। .... नेहा कपूर

शोभा said...

विचारात्मक शैली में लिखा गया सुन्दर लेख। स्वागत है आपका।

संगीता पुरी said...

हिन्दी चिट्ठा.जगत में आपका स्वागत है। सही कहना है आपका ,चाहे ये किसी भी धर्म या जाति के हो, वो जिस भगवान को मानते हो, वो भगवान भी कभी इन्हे माफ नही करेगा।

नियंत्रक । Admin said...
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Amit K Sagar said...
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Amit K Sagar said...

आतंकवाद पर आपका लेख सराहनीय है साथ ही चिंतन ज़ाहिर है. हमें इसके समाधान को खोजना चाहिए.
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उल्टा तीर