Monday, April 19, 2010

न्याय की उम्मीद जगेगी.......

महाराष्ट्र के पुणे जिले के हिंजवडी इलाके में एम.बी.ए छात्रा से हुए बलात्कार मामले की सुनवाई फास्ट ट्रॅक कोर्ट में करने की घोषणा महाराष्ट्र के गृहमंत्री आर.आर. पाटील ने करते ही दुसरे ही दिन बलात्कार होने के दो मामले उजागार हूए । पुणे में एक सप्ताह में ही बलात्कार के चार मामले सामने आये। एक मामला तो इतना शर्मनाक है की जहां रक्षक ही भक्षक बन गये। राजपुताना रायफल्स के दो जवानों ने एक लडकी की इज्जत को तार तार कर ही दिया, उसके प्रेमी को पिट- पिटकर बेहोश कर दिया। जवानों की बेशर्मी तो इतनी की पहले दिन उस लडकी के दामन पर दाग लगाया, दुसरे दिन उस लडकी को फोन करके फिर मिलने बुलाया। फोन आने के पश्चात लडकी ने पुलीस स्टेशन में उनके खिलाफ केस दर्ज कराया। अब दोनो दरिंदे सलाखों के पिछे है। भारतीय न्यायव्यवस्था में न्याय मिलने में सालोसाल लग जाते है। कहीं पर गवाह मुकर जाते है, तो कहीं पर सबूतों के अभाव में न्याय ही नही मिल पाता। कहीं पर कानून को ही खरीदा जाता है तो कहीं पर कानून पर सियासी दबाब डाला जाता है। जिसकी अस्मत लूटी जाती है, उसके बारे मे सोचकर ही दिल दहल जाता है। दिन ब दिन बढती वारदात से अब नारीजाती को डर लगने लगा है। हर वक्त चौकन्ना रहना पडता है। घर आने जाने के लिए परिजनों और दोस्तो का सहारा लेना पडता है। जिस महिला के साथ ऐसा वाकया होता है उसकी जिंदगी तो मानो एक जिंदा लाश ही बन जाती है। समाज के साथ साथ परिवार के ताने उसके तन मन को छलनी कर देते है। तरह तरह के सवाल उस पीडीता पर दागे जाते है, अकेली क्यों गयी, वेशभुषा किस तरह की थी पुरे देश में ही फास्ट ट्रॅक कोर्ट में हर बलात्कार मामले की सुनवायी होना जरूरी है तभी जाकर दरिंदगी के कई मामले सामने आ सकते है जो सामाजिक और पारिवारीक डर के चलते दफनाये जाते है। फास्ट ट्रॅक कोर्ट में सुनवायी होने से समाज के दरिंदो पर नकेल कसी जा सकती है। साथ ही उनके मन में कानून का डर बना रहेगा। बशर्तै उनके सरपर किसी राजनेता का हाथ ना हो। देशभर में अगर फास्ट ट्रॅक कोर्ट में पीडीता को न्याय मिलेगा तो महिलाओं पर हो रहे अत्याचार का असली चेहरा सामने आयेगा और उन्हे न्याय मिलने की उम्मीद जगेगी। दिन-ब दिन वहशियत का निवाला बननेवाली महिलाओं और बच्चीयों को कानूनी मदत के साथ पारिवारीक और मामाजिक सहायता और प्यार मिलना बेहद जरूरी है, तभी जाकर उनके मन की अपराधिक भावना को खत्म किया जा सकता है। आईये हम और आप मिलकर समाज में हो रहे अन्याय के प्रती जागरूकता फैलाये और जिन पर पहाड टूटा है उनका दर्द कम तो नही कर सकते लेकीन समाज में उन्हे इज्जत से जीने के लिए मदत जरूर कर सकते है।

No comments: