Wednesday, July 7, 2010

मार रही महंगाई....

आज सिलेंडरवाला सिलेंडर घर ले आया उसमे कोई नयी बात नही हर महिने ही लाता है। पैसे लेते वक्त उसने 35 रूपये ज्यादा ले लिए , मां ने पुछा सीएनजी के दाम बढने की घोषणा के बाद उन्हे तुरंत बढा दिया गया ? और तो और जरूरी चिजों के दाम कम करने के लिए भाजप और अन्य विपक्षी पार्टीयोंने भारत बंद भी करवाया था फिर कैसे तुमने 35 रूपये ज्यादा लिए। बहस करती मां को मैने समझाया की सीएनजी के दाम बढे है और भारत बंद सिर्फ बढती महंगाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन था, विरोध करते ही बढी हुई महंगाई कम नही होगी। ये समझ थी एक आम घरेलू महिला की जिसको घर का बजट संभालना है। यह बात सोलह आने सच है की बढती हुई महंगाई से आम जनता त्रस्त है। पहले ही महंगाई आसमान छु रही है ऐसे में पेट्रोल, डिजल की किमतों में इजाफा हुआ। इजाफा तो तेल की किमतों में हुआ लेकीन चपेट में आयी अन्य चिजें भी। सत्ता में बैठी कांग्रेस सरकार को झंजोडने के लिए और आम जनता को राहत दिलवाने के लिए उठाया गया कदम उसी आम जनता को परेशान करता नजर आया। कईयो को जबरन छुट्टी करनी पडी तो कई जदोजहद करके अपने काम पर पहुंचे। हम भी मेहनत मशक्कत करते हुए अपने ऑफिस पहुंचे क्योंकी हमारा पहुंचना जरूरी भी था। भारत बंद का सबसे अच्छा फायदा उठाया बच्चों ने सारे रास्तों पर बच्चे अपना अड्डा जमाए हुए थे। कहीं पर फुटबॉल खेल रहे थे , तो कहीं क्रिकेट का रंग जमा हुआ था। रास्ते सुनसान थे तो कहीं ट्रॅफिक जाम की कोई परेशानी नही। बंद का ऐलान तो हुआ, परेशानीयां भी हुई बंद के दौरान कई हिंसक घटनांओं को अंजाम भी दिया गया। कई ट्रेने रोके गयी जिसके चलते लंबी दुरी की यात्रा करनेवाले मुसाफीर सही समय पर नही पहुंच पाये। मरीजों को भी अपनी जान हथेली पर लेकर इलाज करवाने निकलना पडा, न खाने की सुविधा थी न आने जाने की। भारत बंद करके भाजपा और विपक्षी पार्टीयों ने सौ फी सदी कामयाबी मिलने की घोषणा तो कर दी लेकीन उसके बाद नतीजा क्या आयेगा यह जनता को नही बताया। सरकार की गलत नितीयों का विरोध करने के लिए जनता तो तैय्यार है लेकीन इस सब में उसी को पिसा जा रहा है। भारत तो एक दिन के लिए बंद हुआ लेकीन दुसरे दिन मंहगाई मुँह बाए खडी ही थी।

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