Tuesday, June 22, 2010

कब मिलेगी प्यार को मान्यता ?

दिल्ली में बहन और उसके प्रेमी की हत्या कर दी गयी साथ दुसरी बहन भी लापता है। भाईयों ने बहन और उसके प्रेमी को गोली मारकर उनकी लाश को गाडी में छोड दिया, उनका जुर्म बस यही था की उन्होने प्यार किया था। झुठी शान को चुनौती दी थी। झुठी शान को बचाने के लिए सरेआम उनका कत्ल किया गया। दुसरी एक घटना में प्रेमी जोडे को बांधकर उन्हे डंडे से पीटकर अधमरा कर दिया और उसके बाद बीजली का शॉक दे कर उनकी जान ली गयी। उस प्रेमी जोडे की जान लेनेवाले कोई दुसरे कोई नही थे बल्की बेटी के पिता और ताउ ने इस घिनौनी घटना को अंजाम दिया है। और उनको कोई मलाल नही है की उन्होने दो प्यार करनेवालों की हत्या की। एक गावं की पंचायत ने तो प्रेमी शादीशुदा जोडे की आंखे निकालने का फर्मान दे दिया था। क्या प्यार इतना घिनौना कृत्य होता है जो इकसवी सदी में भी अपने समाज में मान्यता नही पा रहा है। आमतौर पर उत्तर भारत में इस तरह की घटना ज्यादा दिखायी पडती है। घर परिवार से ज्यादा समाज की चिंता होती है, बच्चों की खुशीयों से ज्यादा अंहकार का जतन किया जाता है। नाक उंची रखने के चक्कर में बच्चों के दिलों को जुती की नोक से कुचला जाता है। पुरूष प्रधान संस्कृती और अंहकार के चलते कई प्रेमीयों ने अपनी जान गवांयी है। या तो फिर उन्हे मार डाला गया है। अनपढ हो या फिर पढ लिखे लोग अहंकार में बच्चो के प्यार को पनपने नही देते, अगर प्यार में वे आगे भी बढ जाए तो परिवार का हवाला देकर उनके सपने के घरौंदो को चकनाचुर कर दिया जोता है, यह बात उनके मन को स्पर्श भी नही करती की अपने बच्चोंने के एक दुसरे के साथ मिलकर कुछ सपने संजोये होंगे कुछ इच्छा होगी, कोई भविष्य देखा होगा। सब बातों को दर किनार किया जाता है, और अंहम सब पर हावी हो जाता है। पता नही कब मिलेगी हमारे समाज में सच्चे और पवित्र एहसास जिसे हम प्यार कहते है उसे मान्यता। कब मिलेगा सम्मान उस प्यार को। कब मिलेगी उस पवित्र रिश्ते को मंगलकामना का आशीर्वाद । बस हर बार हम अपने आप से यह सवाल पुछते आ रहे है। लेकीन क्या हम अपने ही घर में उसका स्विकार करते है। सनी नामक एक प्रेमी ने अपनी प्रेमिका के अपाहिज होने के बावजूद भी चार साल तक उसकी देखभाल की, हरपल उसका साथ निभाया, प्रेमिका के रूखस्त होने के बाद सनी अब उसके प्रेमिका के याद मे जिंदा है। प्रेमिका आरती के मौत के बाद सनी उसकी यादों के सहारे समाज की सेवा करना चाहता है, आरती सनी की प्रेरणा बन गई है। और तो और वो आरती को परिवार को भी सहारा दे रहा है। प्यार एक ऐसी अनुभुती है, जो जाती धर्म से परे है, संतुष्टी और समर्पण का एहसास है। एक दुसरे के सहारे किसी भी कठिनाईयों का सामना करने के लिए तैय्यार रहते है। प्यार में अश्लीलता नही होती वो एक ऐसा पवित्र रिश्ता है जो जिंदगी भर आपको हिम्मत देता है। बस समाज से इतनी ही बिनती है की, प्यार को अपनाईये उसे दुत्कारीये मत। यह कोई अपराध नही है। ऑनर किलींग केसेस की तादात बढती जा रही है, लेकीन दिमागी वैहशियत पारिवारीक सुख और शांती को रौंद रही है। प्यार का सम्मान किजीए। खोखली शान परिवार का विनाश कर रही है।

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