मुंबई के खेरवाडी इलाके के की घटना में आपको बताने जा रही हूं । यहां रोजना किसी ना किसी बात पर तू-तू-मै-मै होना आम बात है। पानी को लेकर महिलाएं आपस में बाल भी खिंचे तो समझ लिजीए की बात बडी ही आम है। यह सारी बातें आप दर किनार कर सकते है, या फिर उसे ज्यादा एहमियत नही देंगे। लेकीन एक ऐसी घटना घटी की उसे सुनकर रोंगटे खडे हुए, दिल की धडकने तेज हुई। तालीबानी सोच का नमुना मुंबई जैसे फास्ट लाईफ में देखने मिला। इज्जत का बदला इज्जत उतारकर सरेआम लिया गया। दरअसल इस घटना को रूप ही दुसरा दिया गया था। कहा गया की पानी भरने को लेकर हंगामा हुआ लेकीन दरअसल वाकया कुछ अलग ही था। एक पांच साल की बच्ची पर एक लडके ने बलात्कार किया। इस बात का पता चलते ही आस पडोसीयों ने उसकी खूब पिटाई की और उसे पुलिस के हवाले कर दिया। जिस बच्ची पर बलात्कार हुआ लाजमी है की उसके घरवाले काफी आग बबूला होंगे, और इस बात का जबाब भी वो आरोपी के परिवार से मांगे। लेकीन नजारा कुछ और ही देखने मिला । पीडीता के परिवारवालों ने आरोपी के परिवारवालों को खूब गाली गलौच की। हालांकी वे दलीत थे तो जाती के नाम पर भी गालीयां दी गयी। इतने बडे हादसे के बाद किसी का भी खून खौल ही जाता, लेकीन सबसे दर्दनाक हादसा तब हूआ जब पीडीता के परिवार, या आस पडोसियोंने आरोपी के बहन जो एक युवा लडकी है उसे सरेआम नग्न कर उसे मुहल्ले में घुमाया। इज्जत का बदला इज्जत से लिया गया। जीस मासुम बच्ची पर बलात्कार किया गया वो वाकया भी बडा दर्दनाक है और जिसे सरेआम नग्न किया वो भी। लोगों की मानसिकता इतनी बदलती जा रही है की इन्सानीयत के लिए कोई जगह नही बची है। बदले की भावना लोगों में इस कदर बढती जा रही है की उसमें ना रिश्तों को देखा जाता है और नाही समाज को, लेना होता है तो सिर्फ बदला और बदला.।
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