Saturday, October 23, 2010

शिक्षीत दुराचारी

भगवान के बाद ज्यादातर लोग डॉक्टर को तारणहार के रूप में देखते है। जीवन देनेवाला डॉक्टर भगवान की तरह पूजनीय हो जाता है । कई डॉक्टरों ने मरीजों को मौत के मुंह से निकाल लाया है। नवी मुंबई स्थित वाशी का एक डॉक्टर मरीज का तारणहार नही बन पाया इसलिए आज वो सलाखो के पिछे है। लो बीपी की शिकायत होने की वजह से एक महिला को अस्पताल में दाखील कराया गया । दुराचारी डॉक्टर ने उसकी तबीयत नाजुक होने का बहाना बनाकर उसे ICU मे दाखील करने का सुझाव दिया। महिला को सलाईन मे नशे की दवा देकर सुलाया गया। तडके चार बजे जब महिला को होश आया तो डॉक्टर ने चेक-अप करने के बहाने उसे सारे कपडे उतारने कहे फिर उसे नशा का इंजेक्शन देकर उसपर बलात्कार किया। नशे की हालात में वो महिला ना विरोध कर पायी ना ही चिल्ला पायी । महिला का पती ICU के बाहर रातभर बैचेन घुमता रहा । सुबह महिला के बताने के बाद वैहशी डॉक्टर को सलाखो के पिछे भेजा गया। ये वाकया था एक हॉस्पिटल के एक डॉक्टर का पता नही और कितने वैहशी होंगे जो महिला पेशंट का नाजायज फायदा उठाते होंगे। पुणे का एक किस्सा आपको बताती हूं । पुणे में एक फैशन डिझायनर महिला को उसके मोबईल पर अश्लील SMS आ रहे थे जिसकी शिकायत दर्ज करने के लिए वो पुलिस स्टेशन पहूंची , पुलिस ने उसे हर करह के सवाल पुछे और उससे कहा आप खुद ही पता लगा लिजीए की आपको अश्लील SMS आ रहे है। जब वो महिला अपनी बातों पर कायम रही तो पुलिसवाला अपनी ओछी हरकत पर आमादा हो गया। वो उस महिला से कहने लगा की आप फैशन डिझायनर है, आप ब्लाउज तो सिलाती ही होंगी, मेरा भी नाप लिजीए। पुलिसवाले की बातें सुनकर महिला शर्म के मारे पानी पानी हो गयी लेकीन सारा पुलीस स्टेशन बेशर्मों की तरह दात निकालता रहा । महिला पुलिस कमिश्नर को मिलने के बाद जांच के आदेश दिये गये।जांच रिपोर्ट भी आयी लेकीन कारवाई कुछ नही। वहीं नांदेड जिले में आदर्श नगर का एक वाकया सुनिए एक शिक्षक क्लासेस चलाता था। क्लासेस का नाम था संस्कार क्लासेस चौथी कक्षा से लेकर सातवी कक्षा तक के छात्र छात्राओं को विद्यादान करनेवाला यह शिक्षक छात्राओ के लिए रावण का रूप था। क्लासेस खत्म हो जाने के बाद शिक्षक छात्राओं को बेडरूम में ले जाता था और उन्हे कपडे उतारने को कहता था। उनके नग्न शरीर पर हाथ फेरता था। ये तिनो वाकये एक ही दिन के है, ऐसी कई अनगिणत घटनाओं की शिकार महिला और बच्चीयां बन चुकी है। लैगीक शोषण से हर तबके की महिला पीडीत है चाहे वो पढी लिखी हो या अनपढ..

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