Friday, March 11, 2011

आश्रम के नाम पर देह व्यापार

सामाजिक संस्था या आश्रम चाहे कोई भी हो हम आंख मुंदकर उस पर विश्वास कर लेते है, हमारी यही धारणा होती है कि समाज के लिए कुछ अच्छा ही हो रहा है। समाज के लिए कुछ अच्छा करनेवाली संस्था या आश्रम के बारे में हमारे मन में तनीक भी अविश्वास नही जगता। लेकिन आश्रम के नाम को कलंकित किया है नवी मुंबई स्थित पनवेल के एक महिलाओं के लिए बनाई गये आश्रम ने। कल्याणी बाल एवमं महिला आश्रम में । इस आश्रम में समाज के सामने मानसिक विकलांग लडकियों का पालनपोषण करने का दिखावा किया जा रहा था। समाज सेवा के नाम पर देह व्यापार का धंदा हो रहा था। मानसिक विकलांग लडकियों का शारीरीक शोषण किया जा रहा था। पांच लडकियों के शारीरीक शोषण की पुष्टी हो चुकी है और उसी आश्रम मे इससे पहले सात लडकियों की मौत भी हो चुकी है। मानसिक विकलांग लडकियों का शारीरीक शोषण किया जा रहा था और वे ना तो कुछ समझ पा रही थी ना ही विरोध कर पा रही थी। चॉकलेट का लालच देकर कॉलेज के लडके उन्हे गेस्ट हाउस या होटलों मे ले जाते थे, या फिर आश्रम में आकर लडकियों के साथ कुकर्म किया जाता था। आश्रम के आड में देहव्यापार का धंदा करनेवाले पांच लोगो को पुलिस ने हिरासत मे तो ले लिया है लेकिन उन मासुम बच्चीयों का क्या जिन्हे हवस का शिकार बनाया गया। उनके समझ से तो सब कुछ परे था, जबरदस्ती करके उनके शरीर को नोचा गया। अनाथ बच्चों के नाम पर सरकारी या फिर लोगों की मदत लेकर आश्रम चलाये जाते है लेकिन ऐसे कई मामले उजागर हुए है जहां पालनपोषण के नाम पर मासुम बच्चों को हवस का शिकार बनाया जा रहा है। हवस हावी हो रही है और मासुम बच्चे चाहे वो लडका हो या लडकी किसी को बक्शा नही जा रहा है। किसी भी नयी संस्था या फिर आश्रम से जुडने से पहले उसकी खोजबीन करनी जरूरी है। उसकी विश्वसनियता जानना जरूरी है क्योंकी सचमुच लोगों के उत्थान के लिए काम करनेवाले सामाजिक संगठन या आश्रम के साख पर बट्टा लगने की नौबत आ रही है। महज पैसो के लिए सामाजिक संगठन या आश्रम का निर्माण कुकुरमुत्तो जैसी फैलती जा रही है और सरकार और लोगों से पैसे बटोर रही है। लोगों को पहल करना अब जरूरी हो गया है, साथ आईये और समाज के इस तरह के काले धब्बे को साफ करने में सहायता किजीए। अपने आस पास हो रहे कुकर्म की जानकारी पुलिस को जरूर दिजीए।

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