Monday, January 10, 2011

प्रेमियों का नया ठिकाना

प्यार करने वाले हर वक्त कुछ नए तरीके ढूँढने की फिराक में रहते हैं। बात मुंबई की हो तो कुछ ऐसा सामने आता है निश्चय ही देश के बाकी हिस्सों से अलग रहता है। एक ऐसा ही तथ्य सामने आ रहा है, प्रेमी युगलों ने प्यार करने के लिए एक नया अड्डा खोज निकाला है, जहां पर ना तो पैसा खर्चा होता है और ना कहीं दूर जाने की जरूरत। आजकल जहां देखो वहां हर रेलवे स्टेशन के बाहर स्कॉय वॉक का निर्माण हो रहा है। जहां जरूरत है वहां की तो बात समझ में आती लेकिन जहां जरूरत नही है वहां भी फिजूल में पैसे पानी की तरह बहा कर स्कॉय वॉक का निर्माण हो रहा है। संकरी गलियों के बीच से होकर गुजरता स्कॉय वॉक यांत्रियों की परेशानी का सबब बनते जा रहा है। आमतौर पर हायवे पर दौडती गाडीयों की रफ्तार के बीच रास्ता तय करना नामुमकिन होता जा रहा है, जिसके लिए स्कॉय वॉक का निर्माण होना जरूरी था। लेकिन एम.एम.आर.डी.ए ने सारे मुंबई में स्कॉय वॉक का जाल फैला दिया है।
प्रेमी युगलों का इसलिए जिक्र किया क्यों की ऐसे बहुत से स्कॉय वॉक है जिन्हे उपयोग में नही लाया जा रहा है। महज कॉलेज के छात्रों के लिए वहां घंटो समय बिताने का ठिकान भर बन गया है। वरिष्ठ नागरिक इसका इस्तेमाल ना के बराबर ही करते है। कुछ चंद लोग इस्तेमाल करते भी है तो उसका नजारा कुछ भूल भूलैया और रंगबिरंगा हो गया है। जगह जगह पान, और गुटखा की पिचकारियों से सना हुआ स्कॉय वॉक देखकर पैसे की बर्बादी और उसकी निष्क्रियता साफ दिखायी देती है। हम भी मानते हैं कि विकास होना जरूरी है लेकिन विकास के नाम पर ठेकेदारी को बढाना समाज सहित देश के लिए हानिकारक है। आखिर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने भी यह माना की मुंबई को बिल्डर और ठेकेदार निगल रहे है। जब जगो तभी सबेरा अब से भी थोडा सचेत हो जाए तो शहर संभल जाएगा।

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